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जब लगे कि नाइंसाफ़ी हुई है आपके साथ || आचार्य प्रशांत (2023)
(गीता-46) आत्मज्ञान के प्रकाश में, अंधे कर्म सब त्याग दो... || आचार्य प्रशांत, भगवद् गीता पर (2023)
इस सिस्टम को सुधारो नहीं, पूरा ही गिरा दो || आचार्य प्रशांत (2024)
(गीता-40) कोई नहीं आएगा बचाने, उठो और संघर्ष करो! || आचार्य प्रशांत, भगवद् गीता पर (2024)
एक अनूठे युवक की अजीब कहानी (सबको समझ नहीं आएगी) || आचार्य प्रशांत (2023)
दुनिया की गंदगी से बचा लो इन बच्चों को || आचार्य प्रशांत, गीता दीपोत्सव (2024)
बाजुओं में ताकत रहे, और मन में ज्ञान || आचार्य प्रशांत
अपनी जेल के भीतर हम बिल्कुल स्वतंत्र हैं, जैसे खूँटे से बँधा पशु आज़ाद है || आचार्य प्रशांत (2023)
वो कहते हैं धर्म ने बर्बाद किया भारत को || आचार्य प्रशांत (2020)
(गीता-19) तुम हो ही नहीं (घातक सच, हल्के लोग न देखें) || आचार्य प्रशांत, भगवद् गीता पर (2023)
न किसी काम में दिल लगता, न कोई काम पूरा होता (युवा हूँ, क्या करूँ?) || आचार्य प्रशांत (2023)
ये लक्षण अगर हैं, तो आपने सही साथी चुना है (धोखा खाने से बचें) || आचार्य प्रशांत (2023)